Friday, December 19, 2014

Yug_Nirmaan_Formula



युगनिर्माण का ईश्वरीय फार्मूला
                
 गायत्री योग-तंत्र साधना  +  तपस्वी जीवन  =  आत्मनिर्माण
       
             गायत्री योग के 4 स्तर ::
                 I.          आरम्भिक (Schooling) :: उपासना-स्वाध्याय-संयम-सेवा  का नियमित-निरंतर अभ्यास द्वारा  श्रद्धा-प्रज्ञा-निष्ठा की शक्ति जागृत करना
               II.          पंचकोशीय साधना (Degree):: पंचकोष को शुद्ध-संतुलित-मजबूत-जागृत करना
              III.          कुण्डलिनी साधना (Master):: सप्त चक्रो को शुद्ध-जागृत कर कुण्डलिनी जागरण कर चक्र भेदन करना
              IV.          प्रज्ञावतार (Phd):: ईश्वर को पूर्ण आत्मसात कर युगनिर्माण हेतु पूर्ण अवतार बनना

v                 तपस्वी जीवन का अर्थ : साधना मार्ग में आरही सभी शारीरिक-मानसिक-भावनात्मक कष्टों को  स्वेछा से स्वीकार करना

 आत्मनिर्माण  +  लोकसेवी पुरुषार्थ  = युगनिर्माण
     o   जितना अच्छा हमारा आत्मनिर्माण होगा उतना अच्छा हमसे युगनिर्माण होगा
     o   जितना अच्छी योजना एवं साधन होंगे लोकसेवा पुरुषार्थ के, उठना अच्छा हमसे युगनिर्माण होगा

और सबसे महत्पूर्ण -
 आत्मनिर्माण (अनेक)+लोकसेवी पुरुषार्थ (अनेक) = पूर्ण युगनिर्माण
o    जब आत्मनिर्माण और लोकसेवी पुरुषार्थ सामूहिक रूप में अनेक व्यक्तियों द्वारा होगा, तब वह पूर्ण युगनिर्माण के रूप में सार्थक होगा, धरती पर स्वर्ग का अवतरण होगा

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