Wednesday, April 29, 2015

samajh

      हम अपना जीवन अपनी 'समझ' के आधार पर जीते हैं । सारे Decisions समझ के आधार पर होते है । सारे Plans  समझ के आधार पर होते हैं ।  सभी परिस्थितियों में हम समझ के अनुसार कर्म करते हैं । अब यदि समझ अच्छी है, समझदार है, बुद्धिमान है, तो सब सहि। लेकिन यदि समझ कमजोर है, अहंकारी है, मूढ़ बुद्धि है, तब तो हमारा सारा जीवन ही विफल हो गया । क्योकि कमजोर समझ के साथ हमारे सारे  Decisions, Plans, Actions etc  सब गलत विफल हो जाते हैं ।
      गहराई से सोचे, अपनी समझ को तोले और जाँचे कि अब तक का जीवन जो हमने जिया, क्या उसमे मिली असफलता का कारण हमारी कमजोर समझ तो नहीं । क्योकि हम पूरा जीवन जी लेते हैं, लेकिंग अपनी 'समझ' को 'समझदार-बुद्धिमान-विवेकवान-दूरदर्शी' बनाने हेतु कुछ प्रयास नहीं करते, और अंत में परिस्थिति और मजबूरी का रोना रोकर रह जाते हैं ।
      हम भारतवासी हैं, हम बंदरों की नहीं ऋषियों की संतान है। ऋषियों ने बेवकूफ कालिदास को भी महाकवि बनने का Formula दिया था फिर हम क्यों नहीं । सब संभव है बस आवश्यकता है अपने राष्ट्र की महान आध्यत्मिक विरासत पहचान कर उसे अपनाने की, अपने जीवन को व्यक्तित्व को धन्य बनाने की ।
      गहराई से सोचना, बुद्धिमान सत्यपुरुषों  के साथ रहना, अच्छी शिक्षाप्रद पुस्तकों को रोज़ पढ़ना, नियमित रूप से प्राणायाम - गायत्री महामंत्र जप - ध्यान करना । यह कुछ ऐसे उपाय यदि हम अपने दैनिक जीवन में अपना ले, तो तीव्रता से अपने व्यक्तित्व में बदलाव महसूस करेंगे । आप स्वयं पाएंगे कि आपके अंदर बुद्धिमत्ता, समझदारी, दूरदर्शिता, बल, उत्साह, सात्विकता की वृद्धि हो रही है । अनेक दुर्गुण जैसे हीन भावना, बातचीत करने में झिझकना, आत्मविश्वास में कमी, इत्यादि अपने आप दूर होने लगेंगे । फिर आपको सफल एवं प्रभावशाली व्यक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता ।
      अतः मित्रों, अपने जीवन में अध्यात्म के इन अनमोल उपहारों को अवश्य अपनाएं । अपने जीवन को खुशहाल बनायें ।