Tuesday, November 9, 2021

रोग से बचने के लिए

.     *रोग से बचने के लिए*

*१.)* कैल्शियम की कमी के लिए भोजन के बाद जीरा, तिल व कढ़ी पत्ता खाये।

*२.)* हार्टअटैक से बचने के लिए अदरक, लहसुन, पीपल पत्ते या अर्जुनारिष्ट लें।

*३.)* बवासीर से बचने के लिए खाली पेट भूपत्री बूटी या पत्थरचट्टा लें।

*४.)* किडनी को बचाने के लिए हरा धनिया खाये।

*५.)* लीवर को बचाने के लिए भूमि आँवला लें।

*६.)* पित्त प्रकोप से बचने के लिए सुबह - शाम आँवला, मिश्री पियें।

*७.)* बालों को बचाने के लिए प्रतिदिन वट जटाएँ, अमरबेल, आँवला, कलौंजी को नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाये, नाभि में घी लगाये। शैम्पू छोड़े।

*८.)* दाँतों को बचाने के लिए ब्रश, ठंडे पानी छोड़े, अंगुलियों से सरसों तेल, अकरकरा राख, नमक, हल्दी, का मंजन करे।

*९.)* डायबिटीज से बचने के लिए तनावमुक्त, 45 मिनट व्यायाम, 8 घंटे की नींद, व शुद्ध गुड़ खाते रहे।

*१०.)* वेरिकोज, अनिद्रा से बचने के लिए प्रतिदिन तेल मालिश, भोजन बाद अश्वगंधा रिष्ट लें।

*११.)* लकवा से बचने के सोडियम, रात को पानी पीकर सोये।

*१२.)* कैंसर से बचने के लिए सप्ताह में एक उपवास करें व रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें।

*१३.)* जीवन् जीने के लिए प्रातः संगीत गुनगुनाये, ३४० बार ताली बचाये, ११ बार ठहाका लगाये।

Thursday, October 28, 2021

Karauli Sarkaar Arti

श्री राधारमण गुरुदेव आरती



श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  | 
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 
      
हे दयानिधे करुणा निधान, तेरे अनुपम रूप निराले, ओ बाबा भोले भाले |     
हे दयानिधे करुणा निधान, तेरे अनुपम रूप निराले, ओ बाबा भोले भाले |           
तू सुख करता तू दुःख हरता, तू सुख करता तू दुःख हरता, 
करूं धुप द्वीप तेरी आरती, 
      भक्तों  कष्टों से निवारती |       
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 
      
लव कुश है नाम मुक्ति का धाम, आश्रम है बड़ा निराला, भव पार लगाने वाला  |     
लव कुश है नाम मुक्ति का धाम, आश्रम है बड़ा निराला, भव पार लगाने वाला  |     
मेरी गुरुमाता के चरणों में , मेरी गुरुमाता के चरणों में, 
श्रद्धा सुमन की आरती,     
भक्तों  को है कष्टों से निवारती |   
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 

है ब्रह्म ज्ञान शक्ति अपार, बिगड़ी को बनाने वाले, बैठे हैं डमरू वाले  |
है ब्रह्म ज्ञान शक्ति अपार, बिगड़ी को बनाने वाले, बैठे हैं डमरू वाले  |
करदो कृपा बाबा भक्तों पे, करदो कृपा बाबा भक्तों पे,
हम सब गाएं तेरी आरती,    
भक्तों को ये  कष्टों से निवारती |  
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 
      
मेरे मन की आस बनू तेरा दास, इतनी हो कृपा तुम्हारी, कि विपदा मिटे  हमारी  |     
मेरे मन की आस बनू तेरा दास, इतनी हो कृपा तुम्हारी, कि विपदा मिटे  हमारी  |     
बाबा ढोल बजे डमरू भी बजे, बाबा ढोल बजे मृदंग भी बजे, 
गाऊँ श्रद्धा भाव से आरती,   
   भक्तों  है कष्टों से निवारती |      
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 
      
नित सुबह शाम भजु तेरा नाम, बाबा आरती तेरी गाऊँ, मैं  छप्पन भोग लगाऊं  |     
नित सुबह शाम भजु तेरा नाम, बाबा आरती तेरी गाऊँ, मैं  छप्पन भोग लगाऊं  |     
कहते गुरुवर संतोष जी हैं, कहते गुरुवर संतोष जी हैं,      
है ये परमेश्वर की आरती,     
भक्तों को है कष्टों से निवारती |  
      
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 
श्री राधारमण गुरुदेव की ये आरती, भक्तो को ये कष्टों से निवारती  || 

Friday, September 3, 2021

करौली सरकार कालाजादू एवं स्मृति चिकित्सा

काला जादू चिकित्सा

नौ हवन और यंत्र स्थापना होने के बाद, आपके घर, जमीन, दुकान आदि की समस्त गंदगी, वास्तु दोष, समस्त नकारात्मकता समाप्त हो जाती है।

नवां हवन के बाद काला जादू चिकित्सा होती है। जितने लोग डीएनए में है उन सभी की काला जादू चिकित्सा होनी अनिवार्य है।


1100/व्यक्ति के हिसाब से टोकन लेना होगा।

काला जादू चिकित्सा प्रत्येक दिन शाम को 4 बजे शिव शक्ति हाल में होती है।

टोकन दिखाकर ही आपको प्रवेश मिलेगा।

यदि आप के डीएनए  का कोई सदस्य नहीं आ पाया हो, तो आप पहले अपना काला जादू कटवा कर, अगले दिन उस व्यक्ति का कोई पहना हुआ कपडा/फोटो रख कर भी उसका काला जादू कटवा सकते हैं।

शर्त यह है कि कपडा रखने वाले व्यक्ति का स्वंय का काला जादू कट चुका हो, और एक व्यक्ति एक कपडा/फोटो ही रख सकता है।

Note : आपका कालाजादू पूजनीय बाबाजी के जन्मदिवस 16 फरवरी 2021 के बाद का कटा होना चाहिए। 

यदि आपने 16 फरवरी 2021 के पहले काला जादू कटवाया है तो आपको पुनः पूरे DNA का काला जादू कटवाना होगा। 

इसके बाद ही आपकी स्मृति चिकित्सा होगी एवं आप गुरुजी से मिल पाएंगे। 


स्मृति चिकित्सा
यह ईश्वरीय चिकित्सा का आखिरी चरण है।
आपके डीएनए के सभी सदस्यों का काला जादू कटा हुआ होना चाहिए।

2500/परिवार का टोकन ले कर आप पूरे परिवार की स्मृति चिकित्सा एक साथ करा सकते हैं।

चिकित्सा प्रातः 8 बजे शिव शक्ति हाल में होती है।

पहले सभी लोगों का सामूहिक संकल्प होता है।
सामूहिक संकल्प करना अनिवार्य है।

सामूहिक संकल्प कर चुके लोगों को गुरुदेव मिलते हैं।
परिवार से एक सदस्य स्टेज के ऊपर जा कर मिलता है।
परिवार के बकि लोग स्टेज के नीचे से मिलते हैं।

गुरुदेव पूरे परिवार को एक साथ देखते हैं और चिकित्सा करते हैं।

DNA के सभी सदस्यों की स्मृति चिकित्सा होनी अनिवार्य है।

इसके बाद आप पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं समृद्ध हो जाते हैं।

यदि आप के डीएनए  का कोई सदस्य नहीं आ पाया हो, तो आप पहले अपनी स्मृति चिकित्सा करवाकर, अगले दिन उस व्यक्ति का कोई पहना हुआ कपडा/फोटो रख कर उसकी भी स्मृति चिकित्सा करवा सकते हैं।

शर्त यह है कि कपडा रखने वाले व्यक्ति का स्वंय की स्मृति चिकित्सा हो चुकी हो, और एक व्यक्ति एक कपडा/फोटो ही रख सकता है।


Note: उपरोक्त नियमावली सितंबर 2021 की है एवं आगे इसमें बदलाव हो सकते हैं।

अत: पूर्ण जानकारी के लिए दरबार से संपर्क करें। 

Wednesday, July 8, 2020

नाभि में तेल डालना

नाभि में कौनसा तेल डालना अच्छा होता है? क्या तेल गर्म डालें या ठंडा? वैद्य अजित करण · नाभि में सामान्यतः ठंढा तेल ही डालें। गर्मी व बरसात में नारियल तेल। जाङे के मौसम में सरसों तेल डालें। प्रति दिन, रात में सोने से पहले। नाभी को तेल से भर दें। तीन ईंच के दायरे में उसी तेल का लेपन भी करें। फिर आधे घण्टे तक चित्त ही लेटे रहें, तेल को अन्दर जाने दें। यह तो रहा निरोग व्यक्तियों के लिये। रोगानुसार तेल का सही चयन अधिक लाभ देता है। सरसों तेल - सुस्ती, नेत्र ज्योति (जाङे में), सिर दर्द ( हल्का गर्म)। नारियल तेल - नेत्र ज्योति ( गर्मी में), महिला का बांझपर, सिर में रूसी, चर्मरोग, असमय बाल सफेद होना। जैतून का तेल ( ओलिव आयल) - लीवर की समस्या, उच्च रक्तचाप, कब्ज, नींद नहीं आना, बच्चों का विकास, मजबूत हड्डियां व मांसपेशियों हेतु, महिलाओं का कष्टावर्त, आंखों के नीचे काले घेरे, वजन घटाना। गोघृत या एरण्ड तेल - जोड़ों का दर्द या कट-कट की आवाज। बुखार में - सरसों तेल में लहसुन व सेंधा नमक डाल कर पकायें। ठंढा होने पर डालें। दांत दर्द - लौंग का तेल। जुकाम - अल्कोहल। चेहरे पर कील, मुहांसे - नीम का तेल।

Friday, November 29, 2019

karaulisarkartreatment



करौली सरकार चिकित्सा मार्गदर्शिका

  पूज्य ब्रह्मलीन बाबा जी एवं पूज्य गुरु माता दिव्य शक्ति सम्पन्न सिद्ध पूर्ण गुरु हैं, उनके स्पर्श मात्र से लोगो के रोग दूर हो जाते थे । पूज्य बाबाजी के आदेश पर उनके शिष्य डॉ संतोष सिंह भदौरिया जी (करौली सरकार) ने  भूत प्रेत अनुसन्धान केंद्र, मानव मंदिर हॉस्पिटल, लव-कुश आश्रम का निर्माण किया एवं बाबाजी के आशीर्वाद से प्रेत एवं पितृ समस्या से ग्रसित लोगो का सफलता पूर्वक चिकित्सा करते हैं ।
  करौली सरकार में पूज्य बाबाजी एवं गुरुमाता जी की अदृश्य शक्तियां आपका इलाज करती हैं । इलाज कितना जल्दी होगा यह निर्भर करता है दरबार में आपकी श्रृद्धा एवं सात्विक जीवन के संयम साधना पर । मांस-मदिरा से दूर एवं भगवान् शिव का ध्यान करते हुए आप स्वयं अपनी चिकित्सा करते हुए ठीक हो सकते हैं ।
  करौली सरकार के अलावा पूरे धरती पर मानव समाज में ऐसा कोई दरबार नहीं जहाँ शिव एवं शक्ति एक साथ विराजमान । इस दिव्य दरबार में एक लाख लोग सफलता पूर्व अपना इलाज करवा चुके हैं एवं सुख-शांति का जीवन जी रहे हैं । यदि आप भी मानवता को समर्पित इस दिव्य आश्रम में आना चाहते हैं एवं अपने परिवार के पितृ एवं घर की प्रेत समस्या से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है । कृपया दरबार के अनुशासन को ध्यान पूर्वक पढ़ें :
  • प्रथम बार आकर दरबार में बाबा-मां को अर्जी(प्रसाद) लगा कर ईश्वरीय चिकित्सा का संकल्प करना चाहिए एवं सिद्ध बंधन (सुरक्षा कवच) लगाना होता है। 
  • दरबार में अर्जी लगाते ही बाबाजी - गुरुमाता की अदृश्य शक्तियां आपका इलाज शुरू कर देती हैं ।
  • करौली सरकार दरबार से आपका पूर्णतः स्वस्थ्य होना निश्चित है। इलाज में कितना समय लगेगा यह निर्भर करता है दरबार के प्रति आपकी श्रद्धा पर एवं सात्विक जीवन जीने के संयम पर । 
  • दरबार से चीकित्सा करवाने के इच्छुक व्यक्ति एवं उनके परिवारजन को दरबार का 'सिद्ध बंधन' लगवाना होता है ताकि दुष्ट शक्ति संहार होने से बचने के लिए कहीं भाग न पाए एवं आपको  नुकसान ना पहुंचा पाए ।
  • बाबाजी एवं गुरु माता से प्रार्थना हेतु अर्जी लगानी होती हैं जिसमे पुष्प-प्रसाद भेट सामग्री भक्ति स्वरूप समर्पित होती है ।
  • आप किसी भी दिन आ कर अर्जी - सिद्ध बंधन लगवा चिकित्सा की शुरुआत कर सकते हैं। 
  •  दरबार से चिकित्सा संकल्प के दो मार्ग हैं : नमन एवं हवन |

नमन : :
  •  यह पूर्णतः निशुल्क है ।
  •  दरबार में नित्य आरती, रुद्राभिषेक, हवन आदि वैदिक पूजन होता है। आप अधिक से अधिक इस कार्यक्रम में भाग लें, एवं बाबा से कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें। 
  • आप YouTube पर LIVE program देख कर भी प्रार्थना कर सकते हैं। 
  • नमन करने से कितने हवन का पुण्य आप को मिला, यह पूर्णिमा पर आ कर गुरुजी से पूछ सकते हैं। 

हवन : :
  •  जो व्यक्ति अत्यधिक कष्ट में हैं, या दूर रहने के कारण अधिक बार दरबार नहीं सकते, या एक निश्चित समय अवधि में ही अपना चिकित्सा करवा पूर्ण शुद्ध होना चाहते हैं, उनके लिए कृपालु बाबाजी एवं गुरुमाँ ने 'सिद्ध हवन' की सुविधा दी है
  •  अर्जी-बंधन-संकल्प के पश्चात् आप दरबार से 'सिद्ध हवन किट' घर ले जा सकते है सिद्ध हवन की विशेषता यह है की जैसे ही आप यह हवन अपने घर पर करते है, पूराकरौली सरकार दरबार’ सूक्ष्म रूप में आपके घर में प्रकट होता है और आपके घर के एवं परिवार में सभी व्यक्तियों के भूत - प्रेत - पितृ - राक्षस - चुड़ैल - जिन्न् - खबीस - डायन इत्यादि दुष्ट शक्तियों का संहार कर देता है
  •  एक सिद्ध हवन किट की दक्षिणा Rs 3550/- है यह हवन करना बहुत आसान हैं, किसी पंडित को बुलाने की आवश्यकता नहीं हैं १० वर्ष का बच्चा भी श्रृद्धा भरे मन से यह हवन आसानी से कर सकता है
  पहला चरण ::
  •  प्रेत एवं पितृ बाधा से मुक्ति हेतु आपको कुल सात हवन करने होते है सात हवन होते ही यह निश्चित है की पूरे परिवार के दुष्ट पितरों का संहार होगा , आपके घर एवं सभी परिवार के लोगो के शरीरो में घुसे हुए प्रेत एवं दुष्ट शक्तियों का संहार होगा एवं आपके अच्छे पितरो को मुक्ति मिलेगी जिससे वह पुनर्जन्म लेने के लिए स्वतंत्र हो जायेंगे
  •  साथ ही यह गारंटी है की पुनः भविष्य में आपके परिवार में कभी किसी पर प्रेत बाधा नहीं होगी यही नहीं आपके घर में भी कभी कोई प्रेत बाधा नहीं होगी आपको बस दरबार के प्रति श्रृद्धा रखते हुए सात्विक जीवन जीना है
  • यह सात हवन आप चाहे तो सात दिनों में भी कर सकते हैं। दरबार में रह कर हवन करने की भी सुविधा है। 
  • सात हवन के बाद अमावस्या में पित्र मुक्ति कार्यक्रम में शामिल होना होता है। 
  • अमावस्या कार्यक्रम में केवल सात हवन कर चुके लोगो को ही आना आता है। इसमें माताओं द्वारा आपके बुरे पितरों का संहार एवं अच्छे पितरों की मुक्ति होती है। सात हवन से पहले आप प्रेत एवं पितरों के असर से मुक्त नहीं हुए होते हैं।  इसलिए यदि आप दरबरदस्ती ही अमावस्या कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो आपकी हानि हो सकती है।
     दूसरा चरण :
  • सात हवन के बाद आपके घर, जमीन, खेत इत्यादि में फिर कोई तंत्र एवं प्रेत क्रिया ना हो इसके लिए सिद्ध यंत्र की स्थापना करनी होती है।
  • आंठवा हवन + सिद्ध यंत्र स्थापना अपने पुराने घर जमीन खेत इत्यादि के लिए और नवां हवन + यंत्र स्थापना अपने वर्तमान घर के लिए करना होता है। 
  • इस प्रकार कुल नौ हवन और दो यंत्र स्थापना कर आप ईश्वरीय चिकित्सा के दूसरे चरण को पूरा कर लेते हैं। 
  तीसरा चरण :
   

इस प्रकार दरबार के प्रति श्रृद्धा रखते हुए आप एक सुखी एवं स्वस्थ जीवन जी सकते है यह करौली सरकार की शक्ति है की फिर भविष्य में भी आपके परिवार के किसी भी सदस्य को कभी भी प्रेत बाधा नहीं होगी
करौली सरकार दरबार एक दिव्य धाम है , सभी को अपने पितरों की मुक्ति हेतु एवं पारिवारिक - व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान हेतु अवश्य आना चाहियें |

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करौली सरकार - अद्‌भुत-दिव्य दरबार

करौली सरकार चिकित्सा मार्गदर्शिका