Tuesday, July 15, 2014

uchchstariya patra

 कैसे करें युग निर्माण का बड़ा काम 

मित्रो ! गुरु कार्य करने हेतु हम प्राणपन से प्रयास करते हैं | गायत्री यज्ञ, झोला पुस्तकालय, सप्त क्रांति आंदोलन, विचार क्रांति कार्यक्रम में हम पूरी निष्ठा-समर्पण से कार्य करते हैं | कुछ नया एवं कुछ बड़ा करने की नयी-नयी योजनाएँ बनाते हैं | गुरु-भक्ति की यह राह प्रशंसनीय है | परंतु गुरुदेव के वह ब्रह्मवाक्य सदैव याद रखें, "योजनाएँ बनती भी रहेंगी एवं बिगड़ती भी रहेंगी, देखना यह है कि जिस भावना (पात्रता) को ले कर चले थे, उस मे कभी न्यूनता ना आने पाए | बड़े कार्य बड़ी पात्रता-योग्यता वाले ही कर पाते हैं" |
  हाँ मित्रों, युग निर्माण का बड़ा कार्य करने के लिए बड़ी-योजना, बड़ा-संगठन या बड़े-सामग्री की उतनी आवश्यकता नही | अपितु परम आवश्यक है "बड़ी पात्रता" की | जिसकी जितनी बड़ी पात्रता, उसका उतना बड़ा युग निर्माण | तभी तो विवेकानंद अकेले होते हुए भी सारी दुनिया मे श्री रामकृष्ण परमहंस जी का कार्य सफलतापूर्वक कर आए | हमें भी यही करना है |
  बड़ी पात्रता हेतु युगऋषि ने सूत्र दिया है, "उपासना, स्वाध्याय, जीवन साधना, लोक आराधना को नियमित, निरंतर, पूर्ण प्रेम-भाव से किया जाएँ एवं इसे करने के लिए आवश्यक समय, श्रम, धन को भी नियमित-निरंतर रूप से निकाला जाए तो कोई भी व्यक्ति युग निर्माण हेतु उच्च पात्रता संवर्धन कर सकता है" |
   मित्रों फ़ॉर्मूला हमारे पास है, युग परिवर्तन का महान अवसर हमारे सामने है, युगऋषि का आश्वासन हमारे साथ है, तो फिर देर किस बात की, अभी-इसी पल से अपनी भूलों को सुधारते हुए जुट जाएँ "उच्चस्तरीय पात्रता" संवर्धन में, और पाएँ  युगऋषि के दिव्य अनुदान |

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