नवरात्रों में करें आत्मविश्वास की साधना
जिसमे आत्मविश्वास है , यह दुनिया उसकी है। चाहे बड़ी से बड़ी चुनौती हो, आत्मविश्वास की शक्ति के आगे हर कोई नहीं ठहर पाता। आत्मविश्वास व्यक्ति जो काम हाथ में लेता है, उसे पूरा करके ही दम लेता है। यह आत्मविश्वास की ही शक्ति है जो व्यक्ति को गुणवान, पराक्रमी, बहादुर, प्रतिभाशाली, सफल व्यक्ति बनती है। पर हम कैसे बने आत्मविश्वासी ? कैसे बढ़ाएं अपने अंदर आत्मविश्वास?
आत्म-विश्वास वस्तुतः आत्मा से प्रकट हुई शक्ति है, जो हमारी आत्मा से निकलती है और हमारे समूचे व्यक्तित्व में घुल कर उसे महान बनती है। भारत के महान आध्यात्मिक धरोहर में कुछ ऐसे उपाय है, जिन्हें अपनाकर हम आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं, अपने व्यक्तित्व को उच्चतम शिखर पर ले जा सकते है।
गायत्री महामंत्र की भाव भरी उपासना (जप) द्वारा हमारी आत्मा एवं मन पर चढ़ी हुई मैल साफ़ होती है, जिससे आत्म-शक्ति पूर्ण रूप से आनी शुरू हो जाती है, और यह आत्म-विश्वास के रूप में हमारे समूचे व्यक्तित्व में घुलने लगती है। मात्र इस छोटे से उपाय द्वारा कोई भी व्यक्ति आत्मविश्वासी बन सकता है, प्रतिभाशाली बन सकता है।
नवरात्री का विशेष समय में ब्रह्माण्ड की प्रचंड शक्ति की वर्षा पृथ्वी पर होती है, अतः इस समय में की गई गायत्री उपसना कई गुना ज्यादा फल देती है।
सुबह में सवच्छ कपडे पहन किसी साफ़ स्थान में कोई दरी/चादर बिछा कर पूर्व दिशा की ओर मुँह कर बैठ जाएँ। सामने किसी किसी स्टूल/टेबल पर एक दीपक एवं जल का लोटा भर के रख ले। मन ही मन सूर्य देव को प्रणाम करें। गहरी श्वास लेते हुए पूर्ण एकाग्रता से गायत्री मन्त्र का भावभरा जप करे। गिनती के लियें माला या घडी का उपयोग कर सकते है। जितना करेंगे उतना अच्छा। अंत में प्रणाम कर के उठ जाएं और जल सूर्य देव को चढ़ा दे। मात्र इतने से उपाय द्वारा आप अपने जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकते हैं ।
No comments:
Post a Comment