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आओ बनायें एक नया जनतंत्र .....
जहाँ विज्ञान ही जीवन धर्म हो,
जहाँ परमार्थ ही सबका स्वार्थ हो,
जहाँ प्रेम ही सबकी पूजा हो,
जहाँ अध्यात्म संग विज्ञान हो,
आओ बनायें एक नया जनतंत्र। .....
जहाँ हिंसा नहीं समाधान हो,
जहाँ जीवन संघर्ष नहीं कला हो,
जहाँ मनुष्य पशु नहीं देवता हो,
जहाँ धरती पर ही स्वर्ग हो,
आओ बनायें एक नया जनतंत्र। .....
जहाँ विज्ञान ही जीवन धर्म हो,
जहाँ परमार्थ ही सबका स्वार्थ हो,
जहाँ प्रेम ही सबकी पूजा हो,
जहाँ अध्यात्म संग विज्ञान हो,
आओ बनायें एक नया जनतंत्र। .....
जहाँ हिंसा नहीं समाधान हो,
जहाँ जीवन संघर्ष नहीं कला हो,
जहाँ मनुष्य पशु नहीं देवता हो,
जहाँ धरती पर ही स्वर्ग हो,
आओ बनायें एक नया जनतंत्र। .....
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