Wednesday, July 8, 2020
नाभि में तेल डालना
नाभि में कौनसा तेल डालना अच्छा होता है? क्या तेल गर्म डालें या ठंडा?
वैद्य अजित करण
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नाभि में सामान्यतः ठंढा तेल ही डालें।
गर्मी व बरसात में नारियल तेल। जाङे के मौसम में सरसों तेल डालें। प्रति दिन, रात में सोने से पहले। नाभी को तेल से भर दें। तीन ईंच के दायरे में उसी तेल का लेपन भी करें। फिर आधे घण्टे तक चित्त ही लेटे रहें, तेल को अन्दर जाने दें।
यह तो रहा निरोग व्यक्तियों के लिये।
रोगानुसार तेल का सही चयन अधिक लाभ देता है।
सरसों तेल - सुस्ती, नेत्र ज्योति (जाङे में), सिर दर्द ( हल्का गर्म)।
नारियल तेल - नेत्र ज्योति ( गर्मी में), महिला का बांझपर, सिर में रूसी, चर्मरोग, असमय बाल सफेद होना।
जैतून का तेल ( ओलिव आयल) - लीवर की समस्या, उच्च रक्तचाप, कब्ज, नींद नहीं आना, बच्चों का विकास, मजबूत हड्डियां व मांसपेशियों हेतु, महिलाओं का कष्टावर्त, आंखों के नीचे काले घेरे, वजन घटाना।
गोघृत या एरण्ड तेल - जोड़ों का दर्द या कट-कट की आवाज।
बुखार में - सरसों तेल में लहसुन व सेंधा नमक डाल कर पकायें। ठंढा होने पर डालें।
दांत दर्द - लौंग का तेल।
जुकाम - अल्कोहल।
चेहरे पर कील, मुहांसे - नीम का तेल।
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