पूज्य ब्रह्मलीन
बाबा जी एवं पूज्य गुरु माता दिव्य शक्ति सम्पन्न सिद्ध पूर्ण गुरु हैं, उनके स्पर्श मात्र
से लोगो के रोग दूर हो जाते थे । पूज्य बाबाजी के आदेश पर उनके शिष्य डॉ संतोष सिंह
भदौरिया जी (करौली सरकार) ने भूत प्रेत अनुसन्धान
केंद्र, मानव मंदिर हॉस्पिटल, लव-कुश
आश्रम का निर्माण किया एवं बाबाजी के आशीर्वाद से प्रेत एवं पितृ समस्या से ग्रसित
लोगो का सफलता पूर्वक चिकित्सा करते हैं ।
करौली सरकार में
पूज्य बाबाजी एवं गुरुमाता जी की अदृश्य शक्तियां आपका इलाज करती हैं । इलाज कितना
जल्दी होगा यह निर्भर करता है दरबार में आपकी श्रृद्धा एवं सात्विक जीवन के संयम साधना
पर । मांस-मदिरा से दूर एवं भगवान् शिव का ध्यान करते हुए आप स्वयं अपनी चिकित्सा करते
हुए ठीक हो सकते हैं ।
करौली सरकार के
अलावा पूरे धरती पर मानव समाज में ऐसा कोई दरबार नहीं जहाँ शिव एवं शक्ति एक साथ विराजमान
। इस दिव्य दरबार में एक लाख लोग सफलता पूर्व अपना इलाज करवा चुके हैं एवं सुख-शांति
का जीवन जी रहे हैं । यदि आप भी मानवता को समर्पित इस दिव्य आश्रम में आना चाहते हैं
एवं अपने परिवार के पितृ एवं घर की प्रेत समस्या से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आपका
स्वागत है । कृपया दरबार के अनुशासन को ध्यान पूर्वक पढ़ें :
- प्रथम बार आकर दरबार में बाबा-मां को अर्जी(प्रसाद) लगा कर ईश्वरीय चिकित्सा का संकल्प करना चाहिए एवं सिद्ध बंधन (सुरक्षा कवच) लगाना होता है।
- दरबार में अर्जी लगाते ही बाबाजी - गुरुमाता की अदृश्य शक्तियां आपका इलाज शुरू कर देती हैं ।
- करौली सरकार दरबार से आपका पूर्णतः स्वस्थ्य होना निश्चित है। इलाज में कितना समय लगेगा यह निर्भर करता है दरबार के प्रति आपकी श्रद्धा पर एवं सात्विक जीवन जीने के संयम पर ।
- दरबार से चीकित्सा करवाने के इच्छुक व्यक्ति एवं उनके परिवारजन को दरबार का 'सिद्ध बंधन' लगवाना होता है ताकि दुष्ट शक्ति संहार होने से बचने के लिए कहीं भाग न पाए एवं आपको नुकसान ना पहुंचा पाए ।
- बाबाजी एवं गुरु माता से प्रार्थना हेतु अर्जी लगानी होती हैं जिसमे पुष्प-प्रसाद भेट सामग्री भक्ति स्वरूप समर्पित होती है ।
- आप किसी भी दिन आ कर अर्जी - सिद्ध बंधन लगवा चिकित्सा की शुरुआत कर सकते हैं।
- दरबार से चिकित्सा संकल्प के दो मार्ग हैं : नमन एवं हवन |
नमन : :
- यह पूर्णतः निशुल्क है ।
- दरबार में नित्य आरती, रुद्राभिषेक, हवन आदि वैदिक पूजन होता है। आप अधिक से अधिक इस कार्यक्रम में भाग लें, एवं बाबा से कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
- आप YouTube पर LIVE program देख कर भी प्रार्थना कर सकते हैं।
- नमन करने से कितने हवन का पुण्य आप को मिला, यह पूर्णिमा पर आ कर गुरुजी से पूछ सकते हैं।
हवन : :
- जो व्यक्ति अत्यधिक कष्ट में हैं, या दूर रहने के कारण अधिक बार दरबार नहीं आ सकते, या एक निश्चित समय अवधि में ही अपना चिकित्सा करवा पूर्ण शुद्ध होना चाहते हैं, उनके लिए कृपालु बाबाजी एवं गुरुमाँ ने 'सिद्ध हवन' की सुविधा दी है ।
- अर्जी-बंधन-संकल्प के पश्चात् आप दरबार से 'सिद्ध हवन किट' घर ले जा सकते है । सिद्ध हवन की विशेषता यह है की जैसे ही आप यह हवन अपने घर पर करते है, पूरा ‘करौली सरकार दरबार’ सूक्ष्म रूप में आपके घर में प्रकट होता है और आपके घर के एवं परिवार में सभी व्यक्तियों के भूत - प्रेत - पितृ - राक्षस - चुड़ैल - जिन्न् - खबीस - डायन इत्यादि दुष्ट शक्तियों का संहार कर देता है ।
- एक सिद्ध हवन किट की दक्षिणा Rs 3550/- है । यह हवन करना बहुत आसान हैं, किसी पंडित को बुलाने की आवश्यकता नहीं हैं । १० वर्ष का बच्चा भी श्रृद्धा भरे मन से यह हवन आसानी से कर सकता है ।
पहला चरण ::
- प्रेत एवं पितृ बाधा से मुक्ति हेतु आपको कुल सात हवन करने होते है । सात हवन होते ही यह निश्चित है की पूरे परिवार के दुष्ट पितरों का संहार होगा , आपके घर एवं सभी परिवार के लोगो के शरीरो में घुसे हुए प्रेत एवं दुष्ट शक्तियों का संहार होगा एवं आपके अच्छे पितरो को मुक्ति मिलेगी जिससे वह पुनर्जन्म लेने के लिए स्वतंत्र हो जायेंगे ।
- साथ ही यह गारंटी है की पुनः भविष्य में आपके परिवार में कभी किसी पर प्रेत बाधा नहीं होगी । यही नहीं आपके घर में भी कभी कोई प्रेत बाधा नहीं होगी । आपको बस दरबार के प्रति श्रृद्धा रखते हुए सात्विक जीवन जीना है ।
- यह सात हवन आप चाहे तो सात दिनों में भी कर सकते हैं। दरबार में रह कर हवन करने की भी सुविधा है।
- सात हवन के बाद अमावस्या में पित्र मुक्ति कार्यक्रम में शामिल होना होता है।
- अमावस्या कार्यक्रम में केवल सात हवन कर चुके लोगो को ही आना आता है। इसमें माताओं द्वारा आपके बुरे पितरों का संहार एवं अच्छे पितरों की मुक्ति होती है। सात हवन से पहले आप प्रेत एवं पितरों के असर से मुक्त नहीं हुए होते हैं। इसलिए यदि आप दरबरदस्ती ही अमावस्या कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो आपकी हानि हो सकती है।
दूसरा चरण :
- सात हवन के बाद आपके घर, जमीन, खेत इत्यादि में फिर कोई तंत्र एवं प्रेत क्रिया ना हो इसके लिए सिद्ध यंत्र की स्थापना करनी होती है।
- आंठवा हवन + सिद्ध यंत्र स्थापना अपने पुराने घर जमीन खेत इत्यादि के लिए और नवां हवन + यंत्र स्थापना अपने वर्तमान घर के लिए करना होता है।
- इस प्रकार कुल नौ हवन और दो यंत्र स्थापना कर आप ईश्वरीय चिकित्सा के दूसरे चरण को पूरा कर लेते हैं।
तीसरा चरण :
- काला जादू चिकित्सा एवं स्मृति चिकित्सा के लिए दरबार आकर गुरुजी से मिलना होता है।
- अधिक जानकारी के लिए पढ़ें काला जादू - स्मृति चिकित्सा
इस प्रकार दरबार के प्रति श्रृद्धा रखते हुए आप एक सुखी एवं स्वस्थ जीवन जी सकते है । यह करौली सरकार की शक्ति है की फिर भविष्य में भी आपके परिवार के किसी भी सदस्य को कभी भी प्रेत बाधा नहीं होगी ।
करौली सरकार दरबार एक दिव्य धाम है , सभी को अपने पितरों की मुक्ति हेतु एवं पारिवारिक - व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान हेतु अवश्य आना चाहियें |