योग, a holistic way to get maximum of Human Potential
स्वास्थ्य, सफलता, समृद्धि, सुख, आनंद, शांति, प्रेम, सम्मान, यही चाहत होती है हम सबकी और यह पाना हर मनुष्य का अधिकार भी है। पर ऐसा होता नहीं । आधुनिक युग की इस भागदौड़ में हम अकसर पिछड़ जाते हैं । Carrier, Health, Relationship, Happiness सब एक साथ नहीं कमा पाते। तो क्या ऐसा होना असंभव है या सम्भव। प्राचीन आध्यात्म विज्ञानं ने हमें "योग" के रूप में वह सशक्त जीवनशैली दी है जिससे यह होना संभव है।शरीर, मन, बुद्धि, प्रतिभा, पराक्रम, व्यवहार, गुण, चरित्र के रूप में हमारे पास वह ईश्वर प्रदत शक्तियां हैं जिससे हम अपने जीवन में चहुँओर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। परन्तु विकारों के कारण हम अपनी इन शक्तियों का पूर्ण उपयोग (Maximum Utilization) नहीं कर पाते। कभी हमारा मन भागता रहता हैं, कभी व्यवहार ख़राब होता है, कभी शरीर स्वस्थ्य नहीं रहता तो कभी इतनी प्रतिभा नहीं होती कि बड़ा काम नौकरी, व्यापार कर सकें। और हम जीवन भर मनमसोस कर रह जाते हैं ।
योग हमें वह रास्ता बताता हैं जिससे हम शरीर, मन, बुद्धि, प्रतिभा, पराक्रम, व्यवहार, गुण, चरित्र रुपी शक्तियों को बढ़ा सकते हैं, इनका पूर्ण उपयोग कर सकते हैं। बीमार स्वस्थ्य हो सकता है, बुद्धू प्रतिभाशाली बन सकता है, चंचल मन एकाग्र बन सकता है, डरपोक पराक्रमी बन सकता है, व्यवहार कुशल बन सकता है। फिर हम जीवन के सभी दिशाओं में Carrier, Health, Relationship, Happiness या कुछ भी अपनी मन चाही सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
योग आधारित जीवन हमें स्वस्थ्य-सफल जीवन का आधार देता है। समाज में फैले भ्रष्टाचार, अपराध, अनैतिकता का भी यह पूर्ण उपचार है। क्रमशः